इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम अभी पैदा नहीं हुए है ।। इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम पैदा होंगे और वो मदीने मुनव्वरा के अंदर पैदा होंगे ।।वो बाप की तरफ से इमाम हसन रदिअल्लाहो अन्हो की औलाद मै से होंगे और मां की तरफ से इमाम हुसैन रदिअल्लाहो अन्हो की औलाद मै से होंगे ।।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया उस वक्त तक कयामत नाजिल नहीं होगी जब तक मेरे खानदान से मेरा हमनाम एक बच्चा (आदमी) पैदा ना हो जाए और वो पूरी दुनिया मै हुकूमत कायम ना करले उस वक्त तक कयामत कायम नहीं हो सकती ।। इससे पता चला इमाम ए महंदी पैदा होंगे और इससे अहले सुन्नत का ये अकीदा भी जाहिर हो गया कि कुछ यजीदी कहते है कि रूह ए जमीं पर सय्यदो का सिलसिला खतम हो गया जो सय्यद थे वो खतम हो चुके है ।। अरे नादान अगर सय्यद खतम हो गए तो इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम किसके जरिए से पैदा होंगे ।। इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम तो सय्यद घराने में पैदा होंगे ।। इमाम ए हसन रदिअल्लाहो अन्हो और इमाम ए हुसैन रदिअल्लाहो अन्हो की औलाद से पैदा होंगे और करीबे कयामत पैदा होंगे इसलिए तो जब हमने कहा था कि अगर कोई ये कहता है साहब की जमीं पर कोई स्य्यद नहीं है तो आकर देख ले अजमेर मै मेरे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलेह की औलाद को कुर्बान जाओ अहले सुन्नत पर जिसने कभी भी दीन पर आंचल आने नहीं दिया ।। मेरे आका ने फरमाया हजरत इमाम महंदी अलेहिस्सलाम का बदन दुबला पतला होगा उनके बाल ना घुंघराले होंगे ना ही बिल्कुल सीधे होंगे उनकी जुल्फें मुबारक कान तक होंगी ।। उनका चहरा मेरे आका ने फरमाया ऐसा चमकेगा जैसे सितारा झुरमुट मारता है उसी तरह इमाम ए महंदी का चहरा चमकेगा नूर निकलता होगा और आका फरमाते है उनकी बड़ी बड़ी आंखें होंगी और आंखे सुरमती होंगी लोगो को यूं लगेगा कि बहुत सारा सुरमा लगाके आए हैं लेकिन उन्होंने सुरमा नहीं लगाया होगा बगैर सुरमे के उनकी आंखे सुरमती होंगी ।। उनका पतला बदन होगा चहरा गोल होगा भोए मिली होंगी उनकी पेशानी चोड़ी होगी और उनकी नाक ऊंची और पतली होगी उनकी दाढ़ी घनी होगी ।। इस तरीके से जो सुखीद जो है चमकते रंग वाले बच्चे ( आदमी) होंगे ।। उनकी शान ये होगी वो चालीस साल तक लोगो को जाहिर नहीं होंगे ।। अभी दज्जाल हंगामे कर रहा है इस्लामी हुकूमते खतम हो चुकी है और दुनिया में जुल्म हो रहा है मुट्ठी भर जो मुसलमान जो बचे हुए हैं तो ये होगा मोमिन मुसलमान लोगो के जुल्म से तंग आकर मक्का शरीफ के लिए हिजरत करेंगे पैदा मदीने शरीफ होंगे और हिजरत मक्का शरीफ करेंगे ।। रमजानुल मुबारक मै मक्का शरीफ मै लोग काबे का तवाफ कर रहे होंगे और दुआ कर रहे होंगे ए अल्लाह हम लोगो के जुल्म से तंग आ चुके हैं मदद फरमा निदा आएगी तुममें महंदी है उसका नाम मुहम्मद इब्ने अब्दुल्लाह है तो लोग उनको ढूंढेंगे और चहरा देख कर पहचान जाएंगे की हम में सबसे ज्यादा हसीन नूरानी चहरे वाले साहिबे वाजाहत साहिबे जलालत ये शख्सियत हैं तो लोग उनके हाथ पर वयत करेंगे बयान करेंगे इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम उनकी बयान लेकर तो वहां इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम फजर का वक्त होगा सुन्नते अदा की जा चुकी होगी वो रात काली शिया होगी ।। दमिश्क की जामा मस्जिद उसके मशरिकी मीनारों पर हजरत ईशा अलैहिस्सलाम का नुजूल होगा आप आयेंगे उस वक्त आपकी उम्र पेतीस या तीस साल की होगी और आपकी भी जुल्फें मुबारक होंगी और आपकी जुल्फो से पानी मोती की तरह टपकता होगा ।। यूं लगता होगा जैसे अभी गुस्ल करके आए हैं ।। जैसे हजरत ईशा अलेहिस्सलाम को इमाम ए महंदी देखेंगे वो पीछे हट जाएंगे क्योंकि इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम नबी नहीं है क्योंकि खत्मे नुबुवत मेरे आका पर है ।। हजरत ईशा अलैहिस्सलाम आयेंगे नबी रहेंगे नुबुवत खतम नही होगी उनकी लेकिन नबी की अहसियत से नहीं उम्मती की अहसियत आयेंगे ।। और इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम पीछे आ जाएंगे कि देख कर अल्लाह के पैगम्बर आ गए और मुसल्ला उनके सुपुर्द करेंगे हुजूर आप नमाज पड़ाए तो हजरत ईशा अलेहिस्सलाम अपने हाथ उनके कांधो पर रखेंगे और कहेंगे इस वक्त तो आप उम्मत के इमाम है आप नमाज पड़ाए ।। मेरे आका ने फरमाया ए मेरे सहाबा वो दिन तुम पर कितना अच्छा होगा जब मेरा बेटा महंदी नमाज पड़ाएगा और ईशा उनकी इस इत्तिदा मै नमाज पड़ेंगे हजरत ईशा अलेहिस्सलाम जिसके मुक्तदी बनाकर ।। हजरत ईशा अलेहिस्सलाम का मर्तबा हजरत इमाम महंदी अलेहिस्सलाम से अफजल है ।। लेकिन जिसकी इत्तिदा मै हजरत ईशा अलेहिस्सलाम उनके पीछे नमाज पड़ेंगे वो इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम कि शान है जब इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम नमाज पदाएगे ये उम्मते मुहम्मदिया कि शान है ।। नबी का बेटा कितनी शान वाला है और वो सबसे आखिरी इमाम होंगे हम मुसलमानो के ।। इमामत की इत्तिदा मौला अली से हुई इमामत की इंतिहा इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम पे होगी नबी के घर मै इमामत है हुसैन आजम के घर मै इमामत हुई ये इमामों का खानदान है सबसे आखिरी इमाम बनकर इमाम महंदी आयेंगे ।। नमाज पड़ाएगे इधर नमाज मुकम्मल होगी कि तीस हजार यहूदियों को लेकर काना दज्जाल मस्जिद के दरवाजे पे खड़ा होगा ।।
अब काना दज्जाल जब आयेगा तो हजरत ईशा अलैहिस्सलाम सांस लेंगे आपकी सांस की बरकत से काना दज्जाल पिघलने लगेगा और लड़ाई जंग होगी खूब लड़ाई होगी जमकर लड़ाई होगी ऐसी लड़ाई होगी जिसमें यहूदी मारे जाएंगे ।। आका फरमाते हैं अगर कोई यहूदी पत्थर के पीछे होगा तो पत्थर बताएंगे मेरे पीछे यहूदी है ए मुसलमान आ इस यहूदी को कत्ल कर यहूदी सब मारे जाएंगे बैतुल मुकद्दस पर इस्लाम का परचम फहराया जाएगा इस्लाम का परचम इमाम महंदी और ईशा अलैहिस्सलाम फहराएंगे और काने दज्जाल को बैंतुल मुकद्दस के पास एक है गांव है जो आज भी मौजूद है वहां पर दज्जाल का कत्ल किया जाएगा जन्नम रशीद होगा और इसके बाद इमाम ए महंदी अलेहिस्सलाम बैतुल मुकद्दस को फिर इस्लाम की राजधानी बनायेगे इस्लामी राजधानी क्योंकि मदीने शरीफ मै जलजले आयेंगे जितने मुनाफिकीन होंगे सब भाग जाएंगे और दज्जाल के साथ हो जाएंगे जो मोमिनीन होंगे वो इमाम महंदी अलेहिस्सलाम के साथ हो जाएंगे इमाम महंदी बेतुल मुकद्दस मै ही रहेंगे जो आज यहूदियों के कब्जे में है इसके बाद चीन, हिन्दुस्तान, पाकिस्तान, आदि सभी देशों में जो उस समय काफिरों के कब्जे मै होगी हजरत ईशा अलैहिस्सलाम और इमाम महंदी अलेहिस्सलाम आलिमी जंग करेंगे काफिरों से जिसमे काफिरों की हार होगी और इस्लाम का परचम सारी दुनिया में लहराया जाएगा ये तीसरी जंग होगी इसमें छह लाख लोग कत्ल किए जाएंगे और फिर एक दिन ये आयेगा पूरी दुनिया मै इस्लामी हुकूमत होगी ।। इमाम महंदी अलेहिस्सलाम छह साल या सात साल के अंदर ही इस्लाम फैला देंगे ।। इस्लाम ही इस्लाम होगा उस वक्त तो हाल ये होगा सांप और बिच्छु के साथ बच्चे खेलेंगे शेर और बकरी साथ साथ रहेंगे मुहब्बत ही मुहब्बत होगी कोई किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा ।। कोई किसी से भीख नहीं मांगेगा सब दींदार होंगे ।। इसके बाद हजरत ईशा अलैहिस्सलाम शादी करेंगे क्योंकि वो बगैर शादी के उठाए गए थे शादी करने के बाद वो मदीने मुनव्वरा मै जाएंगे हाजिरी देगें आका को सलाम पेश करेंगे आका सलाम का जवाब का कब्रे अनवर देंगे ।। ईशा अलैहिस्सलाम मदीने मुनव्वरा मै ही रहेंगे इसके बाद उनका विसाल हो जाएगा रसूल अल्लाह के गुंबदे खजरा मै अभी तीन मुकाम है एक आका का एक उमर फारूख रदिअल्लाहो अन्हो का एक अबू बकर सिद्दीकी रदिअल्लाहो अन्हो का एक मुकाम अभी खाली है उसी मै हजरत ईशा अलैहिस्सलाम को दफनाया जाएगा मजार शरीफ बनाया जाएगा ।। इसके बाद हजरत महंदी अलेहिस्सलाम अपनी चालीस साल की जिंदगी मुकम्मल करके अस्सी साल की उम्र में पर्दा फरमा जाएंगे ।। फिर इसके बाद कुफ्र का सिलसिला शुरू होता जाएगा इस्लाम धीरे धीरे खत्म होता जाएगा ।। और फिर यमन कि तरफ से एक ठंडी ठंडी खुशबू दार हवा आएगी जो अहले ईमान के बगल से निकलेगी और जितने मोमिन मुसलमान होंगे सब का इंतिकाल हो जाएगा ।।अब जमीं पर सिर्फ काफिर बचेंगे मुनाफिक बचेंगे ।। आका फरमाते है उस वक्त मदीने मुनव्वरा की बस्ती खत्म हो जायेगी ।। गुंबदे खजरा उठा लिया जाएगा काबा उठा लिया जाएगा और फिर कुरआन के हुरूफ भी उठा लिए जाएंगे ।। लोग शाम को सोएंगे कुरआन को देखते हुए और सुबह उठेंगे खाली कागज दिखेंगे ।। गुना ही गुना होगा बुराई ही बुराई होगी जिना हर कोई कर रहा होगा और फिर कयामत आ जाएगी ।।
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