Al-Aqsa Mosque
अल-अक्सा/اقصیٰ
अल-अक्सा मस्जिद, अल-मस्जिद अल-अक्सा, यरूशलेम के पुराने शहर में मौजुद है, मक्का शरीफ और मदीना शरीफ के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पाक स्थल है। इतिहास में लिखा जाता है कि मस्जिद को टेंपल माउंट के ऊपर बनाया गया था, जिसे मुहम्मद صلاله عليه وسلم की मृत्यु के कई दशकों बाद इस्लाम में अल अक्सा कंपाउंड या हरमे,श-शरीफ के रूप में जाना जाता है।
मुसलमानों का मानना है कि मैराज की रात के मुहम्मद صلاله عليه وسلم को मक्का की महान मस्जिद से यहाॅ पर पहुँचाया गया था। इस्लामी परंपरा यह मानती है कि मुहम्मद صلاله عليه وسلم ने मक्का से मदीना प्रवास के 16वें या 17वें महीने तक अलअक्सा की रूख करके ईबाअदत की, जब अल्लाह ने उन्हें मक्का में काबा की ओर मुड़ने का निर्देश दिया।
अल-अक्सा मस्जिद, अल-मस्जिद अल-अक्सा, यरूशलेम के पुराने शहर में मौजुद है, मक्का शरीफ और मदीना शरीफ के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पाक स्थल है। इतिहास में लिखा जाता है कि मस्जिद को टेंपल माउंट के ऊपर बनाया गया था, जिसे मुहम्मद صلاله عليه وسلم की मृत्यु के कई दशकों बाद इस्लाम में अल अक्सा कंपाउंड या हरमे,श-शरीफ के रूप में जाना जाता है।
मुसलमानों का मानना है कि मैराज की रात के मुहम्मद صلاله عليه وسلم को मक्का की महान मस्जिद से यहाॅ पर पहुँचाया गया था। इस्लामी परंपरा यह मानती है कि मुहम्मद صلاله عليه وسلم ने मक्का से मदीना प्रवास के 16वें या 17वें महीने तक अलअक्सा की रूख करके ईबाअदत की, जब अल्लाह ने उन्हें मक्का में काबा की ओर मुड़ने का निर्देश दिया।
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